राष्ट्रीय समाचार डेस्क
हजारीबाग:-विनोबा भावे विश्वविद्यालय (विभावि) में डिजिटल गवर्नेंस और लर्निंग एनहैंसमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना था।
मुख्य बातें:
- डिजिटल शिक्षा का लक्ष्य:
- झारखंड सरकार 2025 तक विश्वविद्यालयों और 2026 तक महाविद्यालयों में पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली लागू करना चाहती है।
- मैनुअल व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।
- ई-गवर्नेंस प्रणाली:
- झारखंड के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा ई-गवर्नेंस प्रणाली को सरल बनाया गया है।
- इसमें ई-हस्ताक्षर की व्यवस्था और आधार से जुड़ाव शामिल है।
- पोर्टल का लोकार्पण:
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए छह पोर्टल का लोकार्पण किया।
- यह पोर्टल आईआईटी दिल्ली के सहयोग से बनाए गए हैं।
- समर्थ ई-गवर्नेंस मॉड्यूल:
- कार्यशाला में 44 उपलब्ध मॉड्यूल की जानकारी दी गई।
- लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) और स्टूडेंट रिसोर्स सेंटर (SRC) के महत्व पर चर्चा की गई।
- स्टूडेंट रिसर्च सेंटर में हर सेवा के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क विवरणी को दर्शाया गया है।
- फीडबैक का महत्व:
- नई व्यवस्था में फीडबैक को महत्वपूर्ण माना गया है।
- इस व्यवस्था से तत्काल सारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाएगा पर बहुत से विषयों का हल संभव होगा।
- शिक्षकों की भूमिका:
- यह प्रणाली शिक्षकों के विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि शिक्षा को मजबूत बनाने में उनकी मदद करेगी।
- वक्ताओं का योगदान:
- बीओपीटी और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर जानकारी दी।
- कार्यक्रम का आयोजन:
- कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुआ।
- विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक और अन्य वक्ताओं ने इस कार्यक्रम में अपना योगदान दिया।
इस कार्यशाला ने विभावि में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
Author: Ashish Yadav
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