धनबाद की राह पर हजारीबाग!
व्यापारियों से भयादोहन का नया खेल शुरू,पुलिस बेअसर
हजारीबाग:- जिस शहर को कभी शांति और प्रशासनिक अनुशासन के लिए जाना जाता था, वह अब अपराध का नया केंद्र बनता नजर आ रहा है। जिले में डकैती, लूट, रंगदारी, गोलीबारी और हत्या जैसे मामलों में अचानक तेजी आई है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है और वे अब हजारीबाग की तुलना धनबाद से करने लगे हैं।जिले में हाल ही में डीसी शशि प्रकाश सिंह और एसपी अंजनी अंजन ने योगदान दिया है। प्रशासनिक बदलाव के साथ उम्मीदें जगी थीं, लेकिन हकीकत इसके उलट निकली। पिछले कुछ हफ्तों में आधा दर्जन से अधिक गंभीर आपराधिक घटनाएं घट चुकी हैं, जिनमें कई मामलों में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।अपराधी न केवल खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि वीडियो कॉल या आमने-सामने धमकी देकर कह रहे हैं कि बिना चढ़ावा दिए कोई कारोबार नहीं चलेगा
व्यापारियों को धमकियाँ, गोलीबारी और रंगदारी
- केरेडारी में गोलियां चलाकर व्यापारियों से जबरन वसूली की जा रही है।
- एक संवेदक के डराने के लिए उसकी गाड़ी जला दी गई।
- सोनी अलंकार ज्वेलर्स के संचालक से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई—घटना एसपी कोठी से कुछ कदम की दूरी पर हुई।
डीजीपी का फोन उठता है, एसपी की घंटी बजती रह जाती है।
हजारीबाग के लोगों का कहना है कि जब राज्य के डीजीपी को एक कॉल पर जवाब देना पड़ता है, वहीं यहाँ के पुलिस कप्तान के फोन की घंटी बजती रह जाती है। यह प्रशासनिक गंभीरता की पोल खोलने के लिए काफी है।
पुलिस सिर्फ चालान काटने में व्यस्त
शहर में तैनात यातायात पुलिसकर्मी अब स्मार्टफोन से फोटो खींचकर चालान भेजने तक सीमित रह गए हैं। सड़कों पर कार्रवाई के नाम पर केवल 3 से 5 हजार रुपये का चालान भेजा जाता है।
थानों में धूल फांकती फाइलें
कई संगीन मामलों की एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। सूत्रों माने तो अधिकारी उन मामलों को प्राथमिकता देते हैं जिनसे उनका ‘फायदा’ जुड़ा हो। नतीजतन, सामान्य जनता न्याय से वंचित रह जाती है।
तो अब ऐसी घटनाओं से थी प्रतीत होती है एवं हजारीबाग की वर्तमान स्थिति को देख स्थानीय लोग चिंता में हैं ।अब यह सवाल हर नागरिक के मन में है क्या हजारीबाग में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं।क्या एसपी अंजनी अंजन जनता की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे।क्या व्यापारियों की सुरक्षा अब सिर्फ भगवान भरोसे है
Author: Ashish Yadav
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