विद्यालय भवन को तोड़ने की तैयारी से ग्रामीणों में आक्रोश, 300 छात्रों के भविष्य पर संकट
बिना वैकल्पिक व्यवस्था के स्कूल को हटाना बच्चों के साथ अन्याय:-ग्रामीण
हजारीबाग/केरेडारी:-हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड स्थित जोरदाग गांव में 300 से अधिक छात्रों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। यहां के उत्क्रमित मध्य विद्यालय को ऋत्विक कम्पनी, NTPC कोल परियोजना के कारण हटाया जा रहा है, लेकिन नई व्यवस्था या वैकल्पिक भवन तैयार किए बिना विद्यालय को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।जोरदाग का उत्क्रमित मध्य विद्यालय कक्षा 1 से 8 तक संचालित होता है। इस विद्यालय को आगर टोला के एक प्राथमिक विद्यालय (जो सिर्फ कक्षा 1 से 5 तक है) में स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है। लेकिन नये विद्यालय में न पर्याप्त कक्षाएं हैं, न शिक्षक, और न ही बुनियादी संसाधन। इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होनी तय है।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जहां बच्चों को भेजा जा रहा है, वहां की स्थिति अत्यंत खराब है। ऐसे में बिना वैकल्पिक और सुलभ समाधान के विद्यालय भवन तोड़ना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है।इसीलिए पहले स्कूल बनाओ, फिर तोड़ो,यही मांग है आक्रोशित ग्रामीणों की।
कंपनी और प्रशासन के बीच टकराव
चंद्रगुप्त कोल परियोजना के महा प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने हजारीबाग उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि जहां विद्यालय को शिफ्ट किया जा रहा है, वह क्षेत्र कोल परियोजना के अंतर्गत आता है। अतः छात्रों को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
इस मामले पर हजारीबाग उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। कंपनी और प्रशासन के बीच उच्चस्तरीय बैठक कराई जा रही है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
विस्थापन से पहले क्यों नहीं हुई तैयारी…?
केरेडारी क्षेत्र में कोल परियोजनाओं के कारण विस्थापन वर्षों से एक बड़ी समस्या रही है। अब जब विद्यालय हटाया जा रहा है, तो सवाल उठ रहे हैं कि स्थायी या अस्थायी समाधान पहले क्यों नहीं तैयार किया गया…?
ग्रामीणों की चेतावनी
अगर जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो ग्रामीण आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
“बच्चों की शिक्षा के साथ समझौता नहीं होगा” — यह संदेश अब गांव के हर कोने से उठ रहा है।
Author: Ashish Yadav
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