धनबाद में हिज्ब उत तहरीर मॉड्यूल का भंडाफोड़, चार संदिग्ध गिरफ्तार
धनबाद:-झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने आतंकी संगठन ‘हिज्ब उत तहरीर’ (HUT) के झारखंड मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए चार संदिग्धों को धनबाद के वासेपुर इलाके से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक महिला भी शामिल है।बताया गया कि केंद्र सरकार ने 10 अक्टूबर 2024 को ‘हिज्ब उत तहरीर’ को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित किया था। प्रतिबंध के बाद यह देश में संगठन से जुड़ा पहला बड़ा मामला है, जिसमें गिरफ्तारी की गई है।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुलफाम हसन (21), आयान जावेद (21), मो० शहजाद आलम (20) और आयान जावेद की पत्नी शबनम परवीन (20) के रूप में हुई है। ये सभी धनबाद के अलीनगर और भूली स्थित अमन सोसाइटी के निवासी बताए जा रहे हैं।एटीएस अधिकारियों के अनुसार, ये संदिग्ध सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित कर रहे थे और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। साथ ही धनबाद में अवैध हथियारों के कारोबार में भी इनकी संलिप्तता सामने आई है।छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से दो पिस्तौल, 12 कारतूस, मोबाइल फोन, लैपटॉप और प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित दस्तावेज तथा किताबें बरामद की गईं।
हिज्ब उत तहरीर का इतिहास
‘हिज्ब उत तहरीर’ की स्थापना वर्ष 1953 में यरुशलम में की गई थी। संगठन का उद्देश्य वैश्विक इस्लामिक खिलाफत की स्थापना करना है। भारत सरकार ने 2010 में इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था। संगठन का मुख्य कार्य युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर अन्य आतंकी संगठनों में भर्ती कराना रहा है।
Author: Ashish Yadav
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