“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद बदला परिदृश्य: पाकिस्तान को बहुस्तरीय झटके, भारत ने कसा शिकंजा
सिंधु जल समझौते की समाप्ति से लेकर व्यापार बंदी तक, भारत ने कड़ा रुख अपनाया
राष्ट्रीय समाचार डेस्क
दिल्ली:-पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए जवाबी अभियान ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को एक के बाद एक कई मोर्चों पर झटका लगा है। सिर्फ सैन्य ही नहीं, बल्कि राजनयिक, आर्थिक और वैश्विक स्तर पर भी पाकिस्तान को भारत की कार्रवाई का गंभीर असर झेलना पड़ रहा है।
🔻 सिंधु जल समझौता स्थगित: पाकिस्तान की खेती पर संकट
22 अप्रैल को हुए हमले के ठीक एक दिन बाद, 23 अप्रैल को भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इस ऐतिहासिक संधि के टूटने से पाकिस्तान को जिन तीन प्रमुख नदियों का जल मिलता था, अब वह रोक दिया जाएगा। इससे पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत की कृषि व्यवस्था पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।
🔒 एयरस्पेस बंद: आर्थिक झटका पाकिस्तान को
सिंधु जल समझौते की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिसके जवाब में भारत ने भी समान कदम उठाया।
हालांकि इस कदम से आर्थिक रूप से ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है, क्योंकि विदेशी एयरलाइंस के रूट पाकिस्तान से होकर गुजरते थे और इसके बदले पाकिस्तान को बड़ी रकम मिलती थी — जो अब बंद हो गई है।
🚫 व्यापारिक संबंध पूरी तरह समाप्त
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया। इसमें तीसरे पक्ष के माध्यम से होने वाला व्यापार भी शामिल है।
भारत से आवश्यक वस्तुओं का निर्यात रुकने से पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने और आम जनता के जीवन पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।
🌍 पाकिस्तान की वैश्विक साख को लगा करारा झटका
भारत ने हमला झेलने के बाद सिर्फ सैन्य ही नहीं, राजनयिक मोर्चे पर भी बड़ा कदम उठाया।सरकारी प्रतिनिधिमंडल कई देशों में भेजे गए, जहां पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के प्रमाण प्रस्तुत किए गए।जो देश अब तक तटस्थ थे, उन्होंने भी भारत के पक्ष में आवाज़ उठाई और पाकिस्तान की आलोचना की।
💰 IMF से मिला कर्ज: भारत के विरोध के बावजूद मिली मंज़ूरी
हालांकि इन तमाम दबावों के बीच पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 2.4 अरब डॉलर का ऋण मिल गया है।भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन IMF ने कर्ज मंज़ूर कर दिया। इसे भारत के कुछ विशेषज्ञ कूटनीतिक चूक भी मान रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने जिस प्रकार से सभी मोर्चों पर जवाब दिया है, वह स्पष्ट करता है कि अब आतंकवाद के खिलाफ “नई नीति – निर्णायक कार्रवाई” अपनाई जा रही है। यह केवल सैन्य जवाब नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर भी दबाव की रणनीति है।
Author: Ashish Yadav
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