एनटीपीसी की ट्रांसपोर्टिंग से त्रस्त ग्रामीण,हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड में दस परिवारों का जीना हुआ दुश्वार, जमीन भुगतान में भी अनियमितता का आरोप ।
हजारीबाग:-हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड अंतर्गत ग्राम तरहेता में एनटीपीसी (NTPC) द्वारा की जा रही ट्रांसपोर्टिंग गतिविधियों से ग्रामीणों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। स्थानीय निवासी सिकन्दर कुमार सिंह ने जिला प्रशासन को दिए अपने लिखित आवेदन में कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पर्यावरण प्रदूषण और कंपन से घरों को खतरा
शिकायतकर्ता सिकन्दर कुमार सिंह ने बताया कि एनटीपीसी द्वारा भारी ट्रक और मशीनरी का लगातार आना-जाना उनके घर से मात्र 20 मीटर की दूरी पर होता है। इस वजह से न केवल धूल और ध्वनि प्रदूषण ने क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, बल्कि 24 घंटे की आवाजाही से उनके और आसपास के लगभग दस परिवारों के मकानों में कंपन हो रहा है। इससे मकानों में दरारें पड़ गई हैं, जिससे किसी भी समय जानलेवा हादसा हो सकता है।
पानी का संकट और गंभीर बीमारियाँ
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रांसपोर्टिंग के कारण इलाके का जलस्तर गिर गया है और कुंओं का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। इसकी वजह से ग्रामीणों को पेट, सांस और त्वचा से संबंधित गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक हो गई है।
भूमि मुआवजे में अनियमितता और धमकियों का आरोप
सिकन्दर कुमार सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि उनकी जमीन (खाता संख्या-108, प्लॉट संख्या-1021, रकबा 51डी०, मौजा पाण्डू) का मुआवजा कंपनी द्वारा उन्हें न देकर किसी अन्य व्यक्ति — उमेश ओझा व गिलेश ओझा — को दे दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई अंचलाधिकारी, मुआवजा पदाधिकारी और एनटीपीसी की मिलीभगत से की गई है। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो कंपनी के एक अधिकारी, एस.पी. गुप्ता द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई नहीं
सिकन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी शिकायत पहले भी जिला उपायुक्त, अंचलाधिकारी, तथा थाना प्रभारी को दी थी, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 5 मई 2025 तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे क्षेत्र के अन्य प्रभावित ग्रामीणों के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे और एनटीपीसी का काम पूरी तरह से बंद कर देंगे।
जिम्मेदारी प्रशासन की होगी
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि ऐसा हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी एनटीपीसी, थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी, जिला उपायुक्त तथा जिला प्रशासन की होगी।
न्याय की गुहार
अंत में उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस गंभीर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें और उनके परिवारों को न्याय मिल सके।
Author: Ashish Yadav
खबर वही जो सबको रखे आगे