1 अप्रैल 2024 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स नियमों
इनकम टैक्स के नए नियम 1 अप्रैल से लागू।
1 अप्रैल 2024 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स नियमों का असर करदाताओं पर पड़ेगा, विशेष रूप से नौकरीपेशा लोगों पर।
अप्रैल की सैलरी से टीडीएस कटेगा।
- यदि आप नौकरी करते हैं, तो आपका नियोक्ता (कंपनी) अप्रैल में आपसे पूछेगा कि आप इनकम टैक्स की नई या पुरानी व्यवस्था में से किसे चुनना चाहते हैं।
- आपके चुनाव के बाद, आपकी सैलरी से टैक्स कटना (टीडीएस) शुरू हो जाएगा।
- इसलिए, यह जानना जरूरी है कि आपके लिए कौन सी व्यवस्था फायदेमंद है। आप टैक्स सलाहकार की मदद ले सकते हैं।
सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में घोषणा की थी कि सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को टैक्स नहीं देना होगा।
- यह नियम इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को चुनने वालों पर लागू होता है।
- इसलिए, नौकरीपेशा लोगों को यह तय करना होगा कि 12 लाख रुपये तक की छूट के बाद नई व्यवस्था उनके लिए फायदेमंद है या नहीं।
सरकार की कोशिश नई व्यवस्था को बढ़ावा देने की है।
- सरकार इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रही है।
- पिछले कुछ सालों में इस व्यवस्था को आकर्षक बनाने के प्रयास किए गए हैं।
- बजट में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से छूट देने के साथ-साथ नई व्यवस्था के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
- आपका टैक्स-सेविंग निवेश इस बात पर निर्भर करेगा कि आप 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में कौन सी व्यवस्था चुनते हैं।
नई व्यवस्था में डिडक्शन का फायदा नहीं।
- इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्होंने होम लोन लिया है या एचआरए क्लेम करते हैं।
- पुरानी व्यवस्था में होम लोन पर डिडक्शन और सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन जैसे कई फायदे मिलते हैं।
- नई व्यवस्था में ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलते हैं, लेकिन टैक्स की दरें कम हैं।
- 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने के बाद नई व्यवस्था ज्यादा आकर्षक हो गई है।
- यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो टैक्स-सेविंग निवेश नहीं करते हैं।
पुरानी व्यवस्था के फायदे
- पुरानी व्यवस्था में सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन सहित कई तरह के डिडक्शन मिलते हैं।
- सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर भी डिडक्शन मिलता है।
नई व्यवस्था के फायदे
- नई व्यवस्था में टैक्स की दरें कम हैं।
- 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है।
- यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो टैक्स-सेविंग निवेश नहीं करते हैं।
- इसमें टैक्स कैलकुलेशन आसान है।
Author: Ashish Yadav
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