रांची नगर निगम के 15 पूर्व पार्षदों की ‘मूल निवासी’ स्थिति की होगी जांच, निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण तय करने की कवायद तेज
रांची:-रांची नगर निगम के 15 पूर्व पार्षदों के झारखंड के मूल निवासी होने को लेकर अब प्रशासन जांच करेगा। यह कार्रवाई राज्य में निकाय चुनाव के तहत पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की पात्रता तय करने के उद्देश्य से की जा रही है।प्रशासन को संदेह है कि कई पूर्व पार्षद झारखंड के मूल निवासी नहीं हैं, बावजूद इसके उन्होंने पिछड़ा वर्ग का लाभ उठाया और सामान्य सीट से चुनाव लड़ा। ऐसे में यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि क्या उन्होंने आरक्षण के लिए गलत जानकारी दी थी।
अंचल अधिकारियों को सत्यापन का जिम्मा
रांची जिला प्रशासन ने बड़गाई सदर, नगड़ी, अरगोड़ा और हेहल अंचल के सीओ को पत्र जारी कर संबंधित इलाकों में आने वाले पूर्व पार्षदों के आवासीय पते का भौतिक सत्यापन करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।इस रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि संबंधित वार्डों में पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलेगा या नहीं। यह कदम निकाय चुनाव में आरक्षण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
जिन पूर्व पार्षदों की जांच होगी:2013 में निर्वाचित-
वार्ड 16: नाजिमा रजा
वार्ड 18: गुलाम सरवर रिजवी
वार्ड 19: आशा देवी गुप्ता
वार्ड 20: श्रवण कुमार महतो
वार्ड 22: सरिता देवी
वार्ड 25: मोहम्मद असलम
वार्ड 44: उर्मिला यादव
2018 में निर्वाचित:
वार्ड 10: अर्जुन यादव
वार्ड 18: आशा देवी गुप्ता
वार्ड 20: सुनील कुमार यादव
वार्ड 22: नाजिमा असलम
वार्ड 41: उर्मिला यादव
वार्ड 44: फिरोज आलम
वार्ड 45: नसीम गद्दी
वार्ड 52: निरंजन कुमार
Author: Ashish Yadav
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