दो साल से सरकारी आवास की आस में दर-दर भटक रही विधवा संगीता देवी, बारिश में ढह गया आशियाना
इचाक,हज़ारीबाग:-सरकारी योजनाओं की सुस्त रफ्तार और प्रशासनिक लापरवाही ने एक विधवा महिला और उसके बच्चों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया है।
देवकुली पंचायत के बकसीडीह गांव की रहने वाली संगीता देवी, जिनके पति का देहांत हो चुका है, बीते दो वर्षों से “अबुआ आवास योजना” के तहत आवास की आस लगाए बैठी थीं। लेकिन अब तक उन्हें घर नहीं मिल पाया।चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने उनका कच्चा तिरपाल वाला घर भी तोड़ दिया, और अब वह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि महेंद्र दास ने बताया कि संगीता देवी समेत कामता देवी (ग्राम छोटकी देवकुली) का नाम आमसभा से अनुमोदित होकर प्रखंड कार्यालय भेजा गया था, लेकिन फाइल अब तक अटकी हुई है।संगीता देवी का नाम योजना की सूची में दो साल पहले दर्ज हुआ था। उन्होंने पंचायत से लेकर बीडीओ कार्यालय तक कई बार गुहार लगाई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला, घर नहीं।अब बरसात के इस विकट समय में उन्हें दूसरों के घर में शरण लेनी पड़ रही है।यह घटना प्रशासनिक संवेदनहीनता और सरकारी योजनाओं की जमीनी सच्चाई को उजागर करती है।ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि समय पर आवास योजना का लाभ दिया गया होता, तो आज संगीता देवी इस स्थिति में नहीं होतीं। यह मामला एक नहीं, सैकड़ों जरूरतमंदों की हकीकत है, जो फाइलों और सिस्टम के बीच फंसे हुए हैं।
Author: Ashish Yadav
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