जल, जंगल और जमीन का संरक्षण ही सरना पूजा का मूल उद्देश्य: सत्यानंद भोगता
जशपुर के सरना टोंगरी में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया सरना पूजा महोत्सव
चतरा, कान्हाचट्टी प्रखंड: तुलबुल पंचायत के जशपुर गांव स्थित सरना टोंगरी में परंपरागत श्रद्धा और सांस्कृतिक गौरव के साथ सरना पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने पूजा स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना कर देश, प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।महोत्सव का आयोजन सरना समिति, जशपुर द्वारा किया गया, जबकि सरना ग्राम प्रधान रामसेवक सिंह खरवार ने पारंपरिक विधियों से पूजा कर समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को याद किया।इस अवसर पर श्री सत्यानंद भोगता ने कहा, “जल, जंगल और जमीन का संरक्षण ही सरना पूजा का मुख्य उद्देश्य है। यह पूजा न केवल धार्मिक विश्वास का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति से जुड़ी हमारी सांस्कृतिक चेतना को भी दर्शाती है।” उन्होंने पौधरोपण की अपील करते हुए कहा कि “त्योहारों व विशेष अवसरों पर प्रकृति संवर्द्धन के प्रयास किए जाने चाहिए।”भोगता ने सरना पूजा को आदिवासी समुदाय की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत बताते हुए कहा कि इसमें प्रकृति और पूर्वजों की पूजा की जाती है। ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।महोत्सव में राजद जिलाध्यक्ष नवलकिशोर यादव, प्रखंड अध्यक्ष मो. शेरशाह, सोनू खान, सिकंदर खरवार, उमेश खरवार, प्यारेलाल भोगता, विजय सिंह खरवार, बबीता देवी, सरिता देवी, योगेश यादव, राजू सिंह खरवार, अर्जुन यादव, कृष्णा यादव, रामावतार खरवार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
Author: Ashish Yadav
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