788वें दिन भी जारी रहा ग्रामीणों का आंदोलन
गोंदलपूरा में अदानी, एनटीपीसी और जेएसडब्ल्यू कोल ब्लॉकों के खिलाफ लोगों का संघर्ष थमा नहीं
बड़कागांव:-बड़कागांव प्रखंड के गोंदलपूरा क्षेत्र में कोल ब्लॉकों के खिलाफ चल रहा अनिश्चितकालीन जन आंदोलन अब 788वें दिन में प्रवेश कर चुका है। ग्रामीण अदानी गोंदलपूरा कोल ब्लॉक, एनटीपीसी बादाम कोल ब्लॉक और जेएसडब्ल्यू जैसी कंपनियों के खिलाफ पूरी एकजुटता के साथ डटे हुए हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनियां जबरन जमीन अधिग्रहण कर कोयला खनन करना चाहती हैं, जो उनके लिए जीवन, आजीविका और अस्तित्व से जुड़ा सवाल है। आंदोलनकारियों ने कहा कि “हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए जान भी दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे।”
23 दिसंबर को रद्द करनी पड़ी थी जनसुनवाई
एनटीपीसी के बादाम कोल ब्लॉक को लेकर 23 दिसंबर को अम्बाजीत गांव में जनसुनवाई आयोजित की गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन को जनसुनवाई रद्द करने का लिखित पत्र देना पड़ा। इससे एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि क्षेत्रीय जनता कोल खनन परियोजनाओं को लेकर पूरी तरह से विरोध में है।
एकजुटता बनी आंदोलन की ताकत
788 दिन से लगातार चल रहे इस आंदोलन की सबसे बड़ी ताकत ग्रामीणों की आपसी एकजुटता है। महिलाएं, युवा, बुज़ुर्ग — सभी दिन-रात धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कंपनियों की परियोजनाएं पूरी तरह से रद्द नहीं की जातीं, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।
इनकी प्रमुख मांगें
- जबरन भूमि अधिग्रहण पर रोक
- पर्यावरणीय नुकसान की जांच
- कोल परियोजनाओं की स्वीकृति को रद्द किया जाए
- स्थानीय लोगों के पुनर्वास व रोजगार की गारंटी
Author: Ashish Yadav
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